Tabassum

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बस तुम

बस...तुम


वो हँसी जो मेरे लबों पर रहती हैं,
जब होता है कोई ग़म तो आंखों से बहती हैं,
उफ़्फ़ ये उल्फ़ते,उलझने मोहब्बत की,
गले लगाकर शिकवे कहती हैं,,
मेरा आगाज़ तुम्ही से है,
मेरा अंजाम तुम्ही....पर होगा,,
सुन..मेरी मोहब्बत-ए-ज़िंदगी,
ये रूठना,मनाना,सिर्फ तुझी से होगा,,
बड़ा मजा हैं तुझे सताने में,
दिल की बाते छुपाने में,,
और जब बनाते हो ना मासूम चेहरा तुम,
तो कसर ना छोडूंगा मै भी इठलाने में,,
जब फिक्र करते हो ना तुम..मेरी,
तो चेहरा देखने लायक होता हैं,
फिर वो गुस्सा,बहस,लड़ाई?
मगर कुछ पल में तन्हाई का आलम होता हैं,
फिर चुपके-2 एक-दूसरे के भाव..
पढ़ना हम दोनों का काम होता है,,
अब दूर रह नही सकते,
ओर पास आने को कह नही सकते,,
फिर क्या..इल्ज़ामों का दौर शुरू होता हैं,
थोड़े-2 दिनों में ये किस्सा जरूर होता हैं,,
बावजूद इसके नजदीक हो तो बस... तुम,
मेहनत हूँ मैं तो मेरा नसीब हो तुम,,
नफरत भरी इस दुनिया में जब भी मैं..
इश्क़ ढूंढने निकलता हूँ...,
मेरे जेहन में बस एक ही नाम आता हैं,
और वो नाम हो बस...तुम,,
सुना हैं खुदा को याद करने को लोग...
अजान दिया करते हैं,,
अज़ान में फरियादी कुछ..
सलाम-दुआ करते हैं,,
मेरे जीवन की हर सलाम-दुआ हो तुम,
ये भस्म-शरीर कुछ भी नही...
मेरे जीवन-प्राण हो बस...तुम।।

❤️❤️❤️

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3 Comments

Yusuf

07-Sep-2023 01:12 PM

😃

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बेहतरीन

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Varsha_Upadhyay

04-Sep-2023 07:52 PM

V nice 👍🏼

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